घर्षण के कारण – Bihar board class 8 science chapter 6 notes

घर्षण (Friction) हमारे दैनिक जीवन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। चाहे चलते समय फर्श पर हमारे पैर का रुकना हो, या गाड़ी के टायरों का सड़क पर पकड़ बनाना, ये सभी घटनाएं घर्षण के कारण होती हैं।

Bihar board class 8 science chapter 6 notes

इस लेख में हम बिहार बोर्ड कक्षा 8 विज्ञान के अध्याय 6 “घर्षण के कारण” पर विस्तृत नोट्स प्रदान करेंगे। यह SEO-फ्रेंडली लेख छात्रों के लिए आसान भाषा में तैयार किया गया है, ताकि वे इसे समझ सकें और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त कर सकें।

Bihar board class 8 science chapter 6 notes-घर्षण के कारण –

घर्षण (Friction):- घर्षण एक ऐसा बल है जो दो सतहों के संपर्क में आने पर उनके बीच गति को रोकने या कम करने का कार्य करता है। जब भी कोई वस्तु किसी सतह पर चलती या रगड़ती है, तो एक बल उत्पन्न होता है जो उस वस्तु की गति का विरोध करता है। यही बल घर्षण कहलाता है।

उदाहरण: जब आप एक किताब को मेज पर धकेलते हैं, तो वह एक समय के बाद रुक जाती है। ऐसा घर्षण बल के कारण होता है, जो किताब और मेज के बीच उत्पन्न होता है।

घर्षण के कारण (Causes of Friction):- घर्षण के उत्पन्न होने के पीछे कई कारण होते हैं। इनमें मुख्यतः निम्नलिखित शामिल हैं:

  • सतह की असमानता (Irregularities of Surface): हर सतह पर सूक्ष्म असमानताएं होती हैं, चाहे वह कितनी भी चिकनी क्यों न लगे। जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं, तो उनकी असमानताएं आपस में उलझ जाती हैं, जिससे घर्षण उत्पन्न होता है। जितनी ज्यादा ये असमानताएं होंगी, उतना ही घर्षण अधिक होगा।
  • अणुओं के बीच आकर्षण बल (Molecular Attraction): जब दो सतहें एक-दूसरे के संपर्क में आती हैं, तो उनके अणुओं के बीच आकर्षण बल उत्पन्न होता है। यह आकर्षण बल भी घर्षण का एक कारण होता है। यह आकर्षण बल विशेषकर तब अधिक होता है जब सतहें एक-दूसरे के बहुत करीब होती हैं।

सतह का प्रकार (Type of Surface):– घर्षण की मात्रा सतह के प्रकार पर भी निर्भर करती है। चिकनी सतहों पर घर्षण कम होता है जबकि खुरदरी सतहों पर घर्षण अधिक होता है। उदाहरण के लिए, लकड़ी की सतह पर फिसलन धातु की सतह के मुकाबले अधिक होती है।

भार (Weight) और दबाव (Pressure):

यदि किसी वस्तु का वजन या उस पर लगाया गया दबाव अधिक होता है, तो वह सतह पर अधिक घर्षण उत्पन्न करेगी। उदाहरण के लिए, भारी वस्तुएं हल्की वस्तुओं की तुलना में अधिक घर्षण पैदा करती हैं।

घर्षण के प्रकार (Types of Friction):- घर्षण मुख्यतः तीन प्रकार का होता है:

  • स्थैतिक घर्षण (Static Friction): यह घर्षण उस समय उत्पन्न होता है जब कोई वस्तु एक स्थान पर स्थिर होती है और उसे हिलाने का प्रयास किया जाता है। स्थैतिक घर्षण की मात्रा सबसे अधिक होती है, क्योंकि इसे तोड़ने के लिए अधिक बल की आवश्यकता होती है।
  • स्लाइडिंग घर्षण (Sliding Friction): यह घर्षण तब उत्पन्न होता है जब एक वस्तु दूसरी सतह पर स्लाइड करती है। स्लाइडिंग घर्षण, स्थैतिक घर्षण से कम होता है। उदाहरण के लिए, जब आप किसी बॉक्स को मेज पर खींचते हैं, तो स्लाइडिंग घर्षण उत्पन्न होता है।
  • रोलिंग घर्षण (Rolling Friction): यह घर्षण तब उत्पन्न होता है जब एक गोलाकार वस्तु, जैसे कि पहिया या गेंद, सतह पर लुढ़कती है। रोलिंग घर्षण की मात्रा सबसे कम होती है, इसलिए पहियों का उपयोग भारी वस्तुओं को आसानी से खींचने के लिए किया जाता है।

घर्षण के लाभ और हानि (Advantages and Disadvantages of Friction):- घर्षण के कई लाभ और हानियां होती हैं। आइए इन्हें विस्तार से समझते हैं:

घर्षण के लाभ (Advantages of Friction):

  • चलने में सहायक: घर्षण के कारण ही हम चल पाते हैं। जब हम चलते हैं, तो हमारे पैर और जमीन के बीच उत्पन्न घर्षण हमें आगे बढ़ने में मदद करता है।
  • वाहनों की ब्रेकिंग: गाड़ियों में ब्रेक लगाने पर घर्षण उत्पन्न होता है, जिससे वाहन रुक जाता है। अगर घर्षण न हो, तो गाड़ी रुक ही नहीं पाएगी।
  • स्तुओं को पकड़ने में: घर्षण के कारण ही हम चीजों को पकड़ सकते हैं। यदि घर्षण न हो, तो चीजें हमारे हाथों से फिसल जाएंगी।
  • माचिस जलाने में: माचिस की तीली को रगड़ने पर उत्पन्न घर्षण से गर्मी उत्पन्न होती है, जिससे माचिस जलती है।

घर्षण की हानियां (Disadvantages of Friction):

  • ऊर्जा की हानि: घर्षण के कारण ऊर्जा का एक हिस्सा गर्मी में बदल जाता है, जिससे ऊर्जा की हानि होती है। उदाहरण के लिए, मशीनों में घर्षण के कारण गर्मी उत्पन्न होती है, जो ऊर्जा की बर्बादी है।
  • वस्तुओं का घिसना: घर्षण के कारण सतहें घिसती हैं, जिससे उनकी उम्र कम हो जाती है। जैसे कि जूतों का तला घिसने लगता है या मशीनों के पुर्जे घिस जाते हैं।
  • गति में बाधा: घर्षण गति का विरोध करता है। इसलिए, इसे गति बढ़ाने में एक बाधा के रूप में देखा जा सकता है।

घर्षण को नियंत्रित करने के उपाय (Methods to Control Friction):- घर्षण को नियंत्रित करने के लिए कई विधियों का उपयोग किया जा सकता है:

  • स्नेहन (Lubrication): मशीनों में घर्षण को कम करने के लिए तेल या ग्रीस का उपयोग किया जाता है। इसे स्नेहन कहा जाता है, जो सतहों के बीच घर्षण को कम करता है।
  • बॉल बेयरिंग (Ball Bearings): मशीनों में घर्षण को कम करने के लिए बॉल बेयरिंग का उपयोग किया जाता है। यह सतहों को रोलिंग घर्षण प्रदान करता है, जो स्लाइडिंग घर्षण से कम होता है।
  • चिकनी सतहें (Smooth Surfaces): घर्षण को कम करने के लिए सतहों को चिकना किया जाता है। जैसे कि फर्श को पॉलिश करना या किसी धातु को पॉलिश करना।
  • वायुगतिकीय आकार (Aerodynamic Shape): वाहन और हवाई जहाज का आकार ऐसा बनाया जाता है कि हवा का घर्षण कम हो सके। इसे वायुगतिकीय आकार कहा जाता है, जिससे ईंधन की खपत कम होती है और गति बढ़ती है।

घर्षण का वैज्ञानिक महत्व (Scientific Importance of Friction):- घर्षण न केवल रोजमर्रा के कार्यों में मदद करता है, बल्कि विज्ञान के क्षेत्र में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है:

  • मशीनों का डिज़ाइन: मशीनों के डिज़ाइन में घर्षण को ध्यान में रखकर उनकी संरचना तैयार की जाती है, जिससे उनके कार्य में दक्षता आती है।
  • वाहनों की स्थिरता: गाड़ियों के टायरों में रबड़ का उपयोग किया जाता है ताकि सड़कों पर अधिक घर्षण प्राप्त हो और वाहन स्थिर रहे।
  • खेलों में उपयोग: खेलों में घर्षण का उपयोग कई प्रकार से होता है, जैसे फुटबॉल, क्रिकेट, और एथलेटिक्स में खिलाड़ियों के जूतों में अधिक घर्षण प्रदान करने के लिए विशेष ग्रिप्स का उपयोग किया जाता है।

निष्कर्ष

घर्षण हमारे जीवन का एक अभिन्न हिस्सा है। यह न केवल हमारी दैनिक क्रियाओं को सुचारू बनाता है, बल्कि विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भी इसका महत्वपूर्ण योगदान है। Bihar Board Class 8 Science Chapter 6 के इस लेख में हमने घर्षण के कारण, उसके प्रकार, लाभ, हानियां, और इसे नियंत्रित करने के उपायों पर विस्तृत जानकारी दी है। ये नोट्स छात्रों के लिए परीक्षा की तैयारी में सहायक सिद्ध होंगे और घर्षण के विज्ञान को गहराई से समझने में मदद करेंगे।

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